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महा एकादशी निमित्त सगळ्याना शुभेच्या !!!

 

Clicked During the Palkhi Procession @ Diveghat ..The Entire Album coming Soon...

 

● आषाढी एकादशी स्पेशल - पंढरपुर जादा २०१६ ●

😎 कळंब आगार , उस्मानाबाद विभाग 😎

@ भिमा बस स्थानक , पंढरपुर

 

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● Ashadhi Ekadashi Special - Pandharpur Jada 2016 ●

😎 Kalamb Depot , Usmanabad Division 😎

@ Bheema Bus Stand , Pandharpur

नालासोपारा आगाराची नविकोरी परिवर्तन बस .. 😍😚

मध्यवर्ती कार्यशाळा दापोडी , पुणे बांधणी .. ९५६५

 

आषाढी एकादशी स्पेशल - २०१६ ..

⚘ पंढरपुर - जादा - नालासोपारा ⚘

 

नालासोपारा आगार , पालघर विभाग ..

पंढरपुर बस स्थानकात टिपलेला फोटो .

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Brand New Parivartan Bus from Nalasopara Depot .. 😍😚

Central Workshop Dapodi , Pune Built .. 9565

 

Ashadhi Ekadashi Special Routes - 2016..

💎 Pandharpur - Jada - Nalasopara 💎

 

Operated by : Nalasopara Depot , Palghar Division

Clicked at Pandharpur Bus Stand.

 

7 अगस्त मंगलवारीकल से खुल रही है इन 2 राशियों की किस्मत ,महादेव स्वयं करेंगे इनकी हर इच्छा पूरी एकादसी अद्भुत संयोग घर में इस जगह रख दे तुलसी, 30 सेकण्ड्स में दिखेगा चमत्कार Saavn, #astrologyinhindi #Brijnaari #Ekadashi #Lord Vishnu #Kamda Ekadashi Kamika Ekadashi Date , Time & Paran Time कामिका एकादशी व्रत तिथि– 7 अगस्त 2018, मंगलवार एकादशी तिथि प्रारंभ- 07:52 बजे से (7 अगस्त 2018) एकादशी तिथि समाप्त- 05:15 बजे (8 अगस्त 2018) पारण समय- 13:45 से 16:24 (8 अगस्त 2018) श्रीकृष्ण युधिष्ठिर से कहते हैं - है राजन ! जिस तरह चतुर्थी को गणेश जी, त्रयोदशी को शिवजी, पंचमी को लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है उसी प्रकार एकादशी तिथि को भगवान श्री हरि विष्णु जी की पूजा की जाती है। सावन माह में इस एकादशी व्रत से विष्णुजी के साथ शिव भी होते हैं प्रसन्न ! कामदा एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सारे पाप दूर हो जाते हैं। जो फल वाजपेय यज्ञ करने से प्राप्त होता है वही फल कामिका एकादशी का व्रत करने से प्राप्त होता है। भगवान विष्णु के आराध्य भगवान शिव हैं और भगवान शिव के आराध्य भगवान विष्णु हैं। सावन माह में एकादशी का आना एक बहेद विशेष संयोग है। शास्त्रों में कहा गया है कि जो मनुष्य सावन मास में भगवान नारायण का पूजन करते हैं, उनसे देवता, गंधर्व और सूर्य आदि सब पूजित हो जाते हैं। अत: पापों से डरने वाले मनुष्यों को कामिका एकादशी का व्रत और विष्णु भगवान का पूजन अवश्य करना चाहिए। इससे बढ़कर पापों के नाशों का कोई उपाय नहीं है। इसका व्रत रखने वाले को कभी भी कुयोनि प्राप्त नहीं होती।इस दिन शंख, चक्र और गदाधारी भगवान विष्णु का पूजन और अर्चना की जाती है।नारदपुराण के अनुसार एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को बेहद प्रिय होता है। ये वीडिओज़ देखने के लिए धनयवाद Like बटन को प्रेस करना Subscribe करना ओर हा अपने प्रियजनों को Share करना न भूले। Video Link : Please subscribe My Channel and click on bell icon - www.youtube.com/c/howtolearnastrologyinhindi Share This Video : : 😀 Follow Us Socially 😀 🌐 Facebook : ift.tt/2wEJTB6 🌐 Twitter : twitter.com/AstrologyLearn 🌐 Google+ : ift.tt/2yuWeFj blogger : ift.tt/2wEJUFa Tumblr : ift.tt/2ytXF71 🔊 LIKE ➡ SHARE ➡ SUBSCRIBE

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अपनी सनातन संस्कृति के अभिन्न अंग

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1. दो पक्ष - कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष।

2. तीन ऋण - देव ऋण, पित्र ऋण एवं ऋषि त्रण ।

3. चार युग - सतयुग , त्रेता युग , द्वापरयुग एवं कलयुग।

4. चार धाम - द्वारिका , बद्रीनाथ, जगन्नाथ पूरी एवं रामेश्वरम धाम।

5. चारपीठ - शारदा पीठ ( द्वारिका ), ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम), गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी ) एवं श्रन्गेरिपीठ !

6. चार वेद- ऋग्वेद , अथर्वेद, यजुर्वेद एवं सामवेद ।

7. चार आश्रम - ब्रह्मचर्य, गृहस्थ , बानप्रस्थ एवं संन्यास !

8. चार अंतःकरण - मन , बुद्धि , चित्त , एवं अहंकार !

9. पञ्च गव्य - गाय का घी , दूध , दही , गोमूत्र एवं गोबर , !

10. पञ्च देव - गणेश , विष्णु , शिव , देवी और सूर्य !

11. पंच तत्त्व - प्रथ्वी,जल, अग्नि, वायु एवं आकाश !

12. छह दर्शन - वैशेषिक , न्याय , सांख्य, योग , पूर्व मिसांसा एवं दक्षिणमिसांसा

13. सप्त ऋषि - विश्वामित्र , जमदाग्नि , भरद्वाज , गौतम , अत्री , वशिष्ठ और कश्यप !

14. सप्त पूरी - अयोध्या पूरी , मथुरा पूरी , माया पूरी ( हरिद्वार ) , कशी , कांची ( शिन कांची - विष्णु कांची ) , अवंतिका और द्वारिका पूरी !

15. आठ योग - यम , नियम, आसन, प्राणायाम , प्रत्याहार ,धारणा , ध्यान एवं समाधी !

16. आठ लक्ष्मी - आग्घ, विद्या, सौभाग्य, अमृत, काम, सत्य, भोग, एवं योग लक्ष्मी !

17. नव दुर्गा - शैल पुत्री , ब्रह्मचारिणी , चंद्रघंटा , कुष्मांडा , स्कंदमाता , कात्यायिनी , कालरात्रि , महागौरी एवं सिद्धिदात्री !

18. दस दिशाएं - पूर्व , पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, इशान, नेत्रत्य, वायव्य आग्नेय ,आकाश एवं पाताल !

19. मुख्या ग्यारह अवतार - मत्स्य , कच्छप , बराह , नरसिंह , बामन , परशुराम , श्री राम , कृष्ण , बलराम , बुद्ध , एवं कल्कि !

 

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20. बारह मास - चेत्र , वैशाख , ज्येष्ठ ,अषाड़ , श्रावन , भाद्रपद , अश्विन, कार्तिक , मार्गशीर्ष . पौष , माघ , फागुन !

21. बारह राशी - मेष , ब्रषभ , मिथुन , कर्क , सिंह, तुला , ब्रश्चिक , धनु , मकर , कुम्भ , एवं कन्या !

22. बारह ज्योतिर्लिंग - सोमनाथ, मल्लिकर्जुना, महाकाल, ओमकालेश्वर , बैजनाथ , रामेश्वरम , विश्वनाथ , त्रियम्वाकेश्वर, केदारनाथ , घुष्नेश्वर, भीमाशंकर एवं नागेश्वर।

23. पंद्रह तिथियाँ - प्रतिपदा, द्वतीय, तृतीय, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, पूर्णिमा, अमावश्या।

24. स्म्रतियां - मनु, विष्णु, अत्री, हारीत, याज्ञवल्क्य, उशना, अंगीरा, यम, आपस्तम्ब, सर्वत, कात्यायन, ब्रहस्पति, पराशर, व्यास, शांख्य, लिखित, दक्ष, शातातप, वशिष्ठ।

 

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( आपका राशिफल चन्द्र राशी के अनुसार ) 9571122777, 9929391753 panditnmshrimali.com

   

29 नवम्बर 2013 शुक्रवार

  

विक्रम संवत 2070 , मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष एकादशी

     

नक्षत्र :- हस्त

  

चद्रमा तुला(19.24) में रहेगा।

  

दिशाशुल :- आज पश्चिम दिशा की यात्रा में दिशा शूल रहेगा । आज घृत(घी) का दान करके यात्रा करने से दिशाशुल दोष मिटता है ।

  

राहुकाल :- प्रातः 10:30 से 12:00 बजे तक

  

मेष :- आज आपको किसी का इंतजार नही करना पड़ेगा। आप जिस काम के लिए सोचते है वह काम पूरा हो जायेगा। शुभ अंक 2 रंग कत्थई

     

वृषभ :- आज अपने तनाव को अपने ऊपर हावी नही होने दे, जिससे कोई काम न बिगड़े। अपने काम को खुद करे, किसी के दबाव में न आये। शुभ अंक 8 रंग आसमानी

  

मिथुन :- आज जो भी बात करे स्पष्ट कहे। मन में भ्रम नहीं रखे। आज कोई भी नया काम शुरू नही करे। यात्रा का योग है। शुभ अंक 6 रंग हरा

  

कर्क :- आज समाज सेवा से जुडे लोगो को शुभ समाचार मिलेंगे। पहले पुराने काम को समाप्त करे। परिवार के निर्णय में अहम भूमिका रहेगी। शुभ अंक 7 रंग नारंगी

  

सिंह :- आज आपको किसी भी प्रकार की परेशानी नही होगी। परिजनो और मित्रो का सहयोग करना पड़ेगा। आज खुशखबरी मिलेगी। शुभ अंक 4 रंग फिरोजी

   

कन्या :- आज आपका ज्यादा ही खर्चा होगा। आप कोई परेशानी नही खड़ी करे। किसी को भी बुरा नही कहे। धैर्य से अपना काम करे। शुभ अंक 9 रंग लाल

   

तुला :- आज नए लोगो से मुलाकात होगी, और भाग्य में बदलाव आएगा। धन की समस्या का निराकरण होगा। अंधविश्वास को महत्व न दे। शुभ अंक 1 रंग सुनहरा

   

वृश्चिक :- आज आपको पैसो की चिंता हो सकती है। दोपहर के बाद मित्रो की मदद मिलेगी। जिससे आपका काम बन जायेगा। शुभ अंक 3 रंग पीला

   

धनु :- आज आपको धन की कमी नही होगी। समस्या कितनी भी गम्भीर क्यों न हो, उसका समाधान निकल जायेगा। संबंध सुधरेंगे। शुभ अंक 2 रंग सफ़ेद

   

मकर :- आज आप छोटी-छोटी बातो को लेकर विचलित न हो। अपना काम समय पर पूरा करे। स्थायी सम्पति और वाहन खरीदने पर विचार करे। शुभ अंक 5 रंग नीला

   

कुम्भ:- आज एक बार में एक ही काम करे। सफलता मिलेगी। परिजनो और मित्रो की मदद मिलेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखे। शुभ अंक 4 रंग मेहरून

    

मीन :- आज आपको मिश्रित फल की प्राप्ति होगी। काम में आपको परेशानी नहीं होगी। अधिक धन की लालच में आया हुआ काम भी हाथ से निकल सकता है। शुभ अंक 8 रंग जामुनी

    

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देवोत्थान एकादशी: चतुर्मास खत्म होते ही होंग मांगलिक कार्य,ये है Dates

 

नारायण भगवान लगभग चार माह के बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी मंगलवार 31 अक्टूबर को शयन से जागेंगे। इस दिन श्रद्धालु प्रबोधनी-देवोत्थान एकादशी व तुलसी विवाह भी मनाएंगे। इसी दिन चतुर्मास व्रत का भी समापन होगा। इसके साथ ही हिन्दू धर्मावलंबियों के शुभ मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाएंगे।

 

धार्मिक मान्यता है कि आषाढ़ शुक्ल हरिशयन एकादशी के दिन भगवान चार महीने के लिए शयन करने चले जाते और भादव शुक्ल एकादशी (करमा एकादशी) के दिन भगवान करवट लेते हैं जबकि प्रबोधनी या देवोत्थान एकादशी के दिन शयन से उठते हैं। इस दौरान श्रीहरि पाताल लोक में राजा बलि के यहां निवास करते हैं। चतुर्मास के देवता व संचालन कर्ता भगवान शिव होते हैं। चार मास के दौरान हिन्दुओं के सारे शुभ मांगलिक कार्य बंद रहे। विवाह, जनेऊ आदि नहीं संपन्न हुए।

 

बृहस्पति के अस्त रहने से शुभ मांगलिक कार्य में होगी देरी

 

ज्योतिषाचार्य पीके युग के अनुसार गुरु बृहस्पति के अस्त रहने से इस बार प्रबोधनी एकादशी के बाद भी शुभ मांगलिक विवाह आदि के कार्य शुरू होने में लगभग तीन हफ्ते की देरी होगी। बृहस्पति 13 अक्टूबर से 7 नवंबर तक अस्त रहेंगे। फिर तीन दिन और उनकी स्थिति कमजोर रहेगी। इस दौरान सूर्य की स्थिति भी ठीक नहीं रहेगी। शुक्र भी कन्या में नीच के रहेंगे। इससे देवोत्थान एकादशी के लगभग तीन हफ्ते बाद ही शुभ विवाह के मुहूर्त शुरू हो पाएंगे। विवाह आदि के शुभ मुहूर्त के लिए शुक्र और गुरु का मजबूत होना जरूरी होता है।

 

गुरु आदित्य योग में देवोत्थान एकादशी

 

आचार्य युग के मुताबिक मंगलवार देवोत्थान-प्रबोधनी एकादशी पर गुरु आदित्य और बुधादित्य योग का संयोग बनेगा। गुरु और सूर्य के साथ रहने से गुरु आदित्य और सूर्य के साथ बुध के रहने से बुधादित्य योग बनेगा। वहीं शुक्र और मंगल के साथ रहने से सुपरिजात योग जबकि गुरु व चंद्रमा के साथ होने से नौपंचम योग भी बनेगा।

 

नारायण को जगाने के लिए आंगन में बनेगा भगवान का घर

 

प्रबोधनी-देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान को पूरे विधि-विधान से भक्त जगाते हैं। दिनभर श्रद्धालु उस दिन उपवास में रहते हैं। कुछ भक्त शाम में फलाहार करते हैं तो कई निर्जला व निराहार ही 24 घंटे तक रहते हैं। ज्योतिषाचार्य डा. राजनाथ झा के अनुसार भगवान को जगाने के लिए आंगन में ईखों का घर बनाया जाता है। चार कोने पर ईख और बीच में एक लकड़ी का पीढ़ा रखा जाएगा। आंगन में भगवान के स्वागत के लिए अरिपन(अल्पना) की जाएगी। अरपिन पीसे चावल के घोल व सिंदूर से बनायी जाती है। पीढ़े पर भी अरिपन की जाएगी। शाम में इस पर शालिग्राम भगवान को रखकर उनकी पूजा की जाएगी। वेद मंत्रोच्चार के साथ भगवान को भक्त जगाएंगे। कम से कम 5 श्रद्धालु मिलकर भगवान को जगाते हैं।

 

प्रबोधनी एकादशी पर ग्रह-गोचरों की स्थिति:-

 

सूर्य,बुध,गुरु: तुला में

 

शनि : धनु में ,केतु: मकर में

 

चंद्रमा : कुंभ में ,राहू: केतु में

 

राहू: कर्क में ,मंगल,शुक्र: कन्या में

 

तुलसी विवाह का भी दिन

 

प्रबोधनी एकादशी ही वृंदा (तुलसी) के विवाह का दिन है। इस दिन तुलसी का भगवान विष्णु के साथ विवाह करके लग्न की शुरुआत होती है। आचार्य विपेन्द्र झा माधव के अनुसार वृंदा के श्राप से भगवान विष्णु काले पड़ गए थे। उन्हें शालिग्राम के रूप में तुलसी की चरणों में रखा जाता है।

 

चतुर्मास पर मंगलवार का खास संयोग भी

 

ज्योतिषी इंजीनियर प्रशांत कुमार के अनुसार आषाढ़ शुक्ल एकादशी मंगलवार को चतुर्मास शुरू हुआ और अब कार्तिक शुक्ल एकादशी मंगलवार 31 अक्टूबर को चतुर्मास समाप्त होगा। इससे चतुर्मास में मंगलवार का खास संयोग बना।

 

पंचांगों के अनुसार विवाह के शुभ मुहूर्त:-

 

नवंबर: 20,21,22,28

 

दिसंबर: 3,4,8,10

 

Visit: www.vashikaranmantra1.com/kamdev-vashikaran/

 

मोहिनी एकादशी 2018 : बन रहा है विशेष योग, जानें व्रत कथा व पूजन विधि

 

वैशाख महीने की एकादशी को मोहिनी एकादशी मनाई जाती है। इस बार यह 26 अप्रैल को है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। जिसमें वैवाहिक रस्में और शुभ कार्य किए जा सकते हैं। इस दिन पूजा पाठ करने से हर मनोकामना पूरी होती है और साथ ही किए हुए पापों से भी मुक्ति मिलती है। मोहिनी एकादशी व्रत के प्रभाव से हर प्रकार के पाप व दुख मिट जाते हैं। यह व्रत मोह बंधन से मुक्ति दिलाता है।

 

व्रत कथा

 

सरस्वती नदी के किनारे भद्रावती नाम का एक नगर था। जहां पर एक धनपाल नाम का वैश्य रहता था, जो धन-धान्य से परिपूर्ण था। वह सदा पुण्य कर्म में ही लगा रहता था। उसके पांच पुत्र थे। इनमें सबसे छोटा धृष्टबुद्धि था। वह पाप कर्मों में अपने पिता का धन लुटाता रहता था। एक दिन वह नगर वधू के गले में बांह डाले चौराहे पर घूमता देखा गया। इससे नाराज होकर पिता ने उसे घर से निकाल दिया तथा बंधु-बांधवों ने भी उसका साथ छोड़ दिया।

 

वह दिन-रात दु:ख और शोक में डूब कर इधर-उधर भटकने लगा। एक दिन वह किसी पुण्य के प्रभाव से महर्षि कौण्डिल्य के आश्रम पर जा पहुंचा। वैशाख का महीना था। कौण्डिल्य गंगा में स्नान करके आए थे। धृष्टबुद्धि शोक के भार से पीड़ित हो मुनिवर कौण्डिल्य के पास गया और हाथ जोड़कर बोला, ब्राह्मण ! द्विजश्रेष्ठ ! मुझ पर दया कीजिए और कोई ऐसा व्रत बताइए जिसके पुण्य के प्रभाव से मेरी मुक्ति हो।'

 

तब ऋषि कौण्डिल्य ने बताया कि वैशाख मास के शुक्लपक्ष में मोहिनी नाम से प्रसिद्ध एकादशी का व्रत करो। इस व्रत के पुण्य से कई जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं। धृष्टबुद्धि ने ऋषि की बताई विधि के अनुसार व्रत किया। जिससे वह निष्पाप हो गया और दिव्य देह धारण कर श्री विष्णुधाम को चला गया।

 

शुभ मुहूर्त

 

एकादशी तिथि आरंभ – 10:46 बजे (25 अप्रैल 2018)

एकादशी तिथि समाप्त– 09:19 बजे (26 अप्रैल 2018)

पारण का समय – 05:48 से 08:07 बजे तक (27 अप्रैल 2018)

 

पूजन विधि

 

व्रत के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठना चाहिए और नित्य कर्म कर शुद्ध जल से स्नान करना चाहिए। स्नान करने के लिए कुश और तिल के लेप का प्रयोग करना चाहिए। स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें और देवों का पूजन करने के लिए कलश की स्थापना कर, उसके ऊपर लाल रंग का वस्त्र बांध कर पहले कलश का पूजन करें।

 

इसके बाद उसके ऊपर भगवान की तस्वीर या प्रतिमा रखें इसके बाद भगवान की प्रतिमा को स्नानादि से शुद्ध कर उत्तम वस्त्र पहनाना चाहिए। फिर धूप, दीप से आरती उतारनी चाहिए और मीठे फलों का भोग लगाना चाहिए। इसके बाद प्रसाद वितरित कर ब्राह्मणों को भोजन तथा दान-दक्षिणा देनी चाहिए। रात्रि में भगवान का कीर्तन करते हुए मूर्ति के समीप ही शयन करना चाहिए।

चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी पापमोचनी एकादशी है। इसके व्रत के प्रभाव से मनुष्‍य के सभी पापों का नाश होता हैं। bit.ly/2oHYwNU

 

If you observe Papmochini Ekadashi, you will get rid of all your sins. For complete Vrat Katha and Vidhi, visit

 

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चारकमान प्रभात फेरी, हैदराबाद द्वारा देव्शाय्नी एकादशी दी:-11-07-2011 के अवसर पर चारकमान स्तिथ बालाजी मंदिर में भगवन बालजी की पूजा करते प्रभात फेरी के सयोजक पंकज कुमार अग्रवाल, गोविन्द राम बंसल, शिवकुमार गोएल, सुरंदर संघी, लक्ष्मीनारायण व अन्य

Charkaman Prabhat Feri, Hyderabad dwara Devshayni Ekadashi dinak:-11-07-2011 ke avasr per charkaman stith Balaji mandir me Bhagwan Balji ki pooja kerte Charkaman Prabhat Feri ke Sayojak Pankaj Kumar Agarwal, Govind Ram Bansal, Shivkumar Goel, Surander Sanghi, Lakshminarayan va any.

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पुत्रदा एकादशी: इस व्रत से मिलता है संतान प्राप्ति का आशीर्वाद

 

पौष माह में शुक्ल पक्ष एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस व्रत में भगवान श्री हरि विष्णु के बाल रूप की आराधना की जाती है। पुत्र प्राप्ति के लिए इस व्रत को फलदायक माना जाता है। निसंतान दंपतियों को संतान सुख के लिए इस व्रत को अवश्य करना चाहिए।

 

पुत्रदा एकादशी वर्ष में दो बार आती है। एक बार पौष माह में और दूसरी बार सावन माह में। इस बार यह 29 दिसंबर को है। पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से संतान की आने वाले कष्टों से रक्षा होती है। विधि विधान से इस व्रत को रखने से मनुष्य विद्वान और यशस्वी बन जाता है। यह व्रत पवित्र मन से करना चाहिए। किसी से झूठ नहीं बोलें, न ही किसी का दिल दुखाएं।

 

दशमी तिथि की रात्रि से ही इस व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए। दशमी पर सूर्यास्त के बाद भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए और रात्रि में भगवान श्री हरि विष्णु का ध्यान करते हुए शयन करना चाहिए। सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर नित्य क्रिया से निवृत्त होकर गंगाजल को पानी में डालकर स्नान करना चाहिए। इस व्रत में चावल और अनाज का उपयोग नहीं करना चाहिए। निसंतान दंपति को एक साथ भगवान श्री हरि विष्णु की आराधना करनी चाहिए। इस व्रत में ब्राह्मणों को भोजन तथा दान-दक्षिणा अवश्य देनी चाहिए।

आज है पौष पुत्रदा एकादशी, व्रत से दूर होंगे संतान के सभी कष्ट पौष माह के शुक्ल पक्ष की ग्यारवीं तिथि को मनाया जाता है पौष पुत्रदा एकादशी। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। भगवान विष्णु के पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजे है। इस समय भगवान विष्णु का तुलसी, मक्खन, चंदन से पूजा करनी चाहिए और संतान की प्राप्ति या संतान के सभी कष्ट दूर करने की कामना करनी चाहिए। निसंतान दंपतियों को इस व्रत को करना बहुत ही फलदायक माना गया है। इस व्रत के बहुत नियम भी हैं इसलिए पूरे विधि विधान से इस व्रत को करना चाहिए। आगे पढ़ें व्रत की कथा: भद्रावती नगर में राजा सुकेतुमान व उनकी पत्नी शैव्या वंशज रहित थे। राजा रात-दिन बस इसी बात से दुखी रहते थे। एक दिन चिंतित राजा दुखी मन से वन में गए। राजा प्यास के मारे भटकने लगे। कुछ दूर जाकर उन्हें एक सरोवर दिखा, जैसे ही वो सरोवर के पास पहुंचे वहां उन्हें श्रृषि दिखाइ दिए। राजा ने श्रृषि को प्रणाम किया। उस दिन पौष पुत्रदा एकादशी थी और श्रृषि विश्वदेव थे। वे इस सरोवर में स्नान करने आए थे। मुनियों ने राजा का हाल सुनकर उसे संतान देने वाली पुत्रदा एकादशी का व्रत करने के लिए कहा। कुछ समय बाद राज को पुत्र की प्राप्ति हुई। इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है। ये वीडिओज़ देखने के लिए धनयवाद Like बटन को प्रेस करना Subscribe करना ओर हा अपने प्रियजनों को Share करना न भूले। Video Link : Please subscribe My Channel and click on bell icon - www.youtube.com/c/howtolearnastrologyinhindi Share This Video : : 😀 Follow Us Socially 😀 🌐 Facebook : ift.tt/2wEJTB6 🌐 Twitter : twitter.com/AstrologyLearn 🌐 Google+ : ift.tt/2yuWeFj blogger : ift.tt/2wEJUFa Tumblr : ift.tt/2ytXF71 🔊 LIKE ➡ SHARE ➡ SUBSCRIBE

7 जुलाई बड़ा शनिवार, घर में इस जगह रख दे झाड़ू, बुरे से बुरा समय हो सकता है दूर//ekadashi 2018 II 10 जून रविवार एकादशी, घर में इस जगह रख दे झाड़ू, 30 सेकंड में देखे चमत्कार, इतना आएगा पैसा संभाल नहीं पाओगे सुबह सुबह लोटे से करे ये छोटा सा काम, बुरे से बुरा समय हो सकता है दूर II ये वीडिओज़ देखने के लिए धनयवाद Like बटन को प्रेस करना Subscribe करना ओर हा अपने प्रियजनों को Share करना न भूले। Video Link : Please subscribe My Channel and click on bell icon - www.youtube.com/c/howtolearnastrologyinhindi Share This Video : : 😀 Follow Us Socially 😀 🌐 Facebook : ift.tt/2wEJTB6 🌐 Twitter : twitter.com/AstrologyLearn 🌐 Google+ : ift.tt/2yuWeFj blogger : ift.tt/2wEJUFa Tumblr : ift.tt/2ytXF71 🔊 LIKE ➡ SHARE ➡ SUBSCRIBE

23 जून को शनिवारी एकादसी, 24 एकादशी के फल मिलेगा एक साथ सिर्फ छोटा सा करें काम Nirjala Ekadasi 23 जून, घर में इस जगह रख दे झाड़ू, बुरे से बुरा समय हो सकता है दूर - youtu.be/ATjRa6DQRbE ये वीडिओज़ देखने के लिए धनयवाद Like बटन को प्रेस करना Subscribe करना ओर हा अपने प्रियजनों को Share करना न भूले। Video Link : Please subscribe My Channel and click on bell icon - www.youtube.com/c/howtolearnastrologyinhindi Share This Video : : 😀 Follow Us Socially 😀 🌐 Facebook : ift.tt/2wEJTB6 🌐 Twitter : twitter.com/AstrologyLearn 🌐 Google+ : ift.tt/2yuWeFj blogger : ift.tt/2wEJUFa Tumblr : ift.tt/2ytXF71 🔊 LIKE ➡ SHARE ➡ SUBSCRIBE

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आज है पौष पुत्रदा एकादशी, व्रत से दूर होंगे संतान के सभी कष्ट पौष माह के शुक्ल पक्ष की ग्यारवीं तिथि को मनाया जाता है पौष पुत्रदा एकादशी। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। भगवान विष्णु के पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजे है। इस समय भगवान विष्णु का तुलसी, मक्खन, चंदन से पूजा करनी चाहिए और संतान की प्राप्ति या संतान के सभी कष्ट दूर करने की कामना करनी चाहिए। निसंतान दंपतियों को इस व्रत को करना बहुत ही फलदायक माना गया है। इस व्रत के बहुत नियम भी हैं इसलिए पूरे विधि विधान से इस व्रत को करना चाहिए। आगे पढ़ें व्रत की कथा: भद्रावती नगर में राजा सुकेतुमान व उनकी पत्नी शैव्या वंशज रहित थे। राजा रात-दिन बस इसी बात से दुखी रहते थे। एक दिन चिंतित राजा दुखी मन से वन में गए। राजा प्यास के मारे भटकने लगे। कुछ दूर जाकर उन्हें एक सरोवर दिखा, जैसे ही वो सरोवर के पास पहुंचे वहां उन्हें श्रृषि दिखाइ दिए। राजा ने श्रृषि को प्रणाम किया। उस दिन पौष पुत्रदा एकादशी थी और श्रृषि विश्वदेव थे। वे इस सरोवर में स्नान करने आए थे। मुनियों ने राजा का हाल सुनकर उसे संतान देने वाली पुत्रदा एकादशी का व्रत करने के लिए कहा। कुछ समय बाद राज को पुत्र की प्राप्ति हुई। इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है। ये वीडिओज़ देखने के लिए धनयवाद Like बटन को प्रेस करना Subscribe करना ओर हा अपने प्रियजनों को Share करना न भूले। Video Link : Please subscribe My Channel and click on bell icon - www.youtube.com/c/howtolearnastrologyinhindi Share This Video : : 😀 Follow Us Socially 😀 🌐 Facebook : ift.tt/2wEJTB6 🌐 Twitter : twitter.com/AstrologyLearn 🌐 Google+ : ift.tt/2yuWeFj blogger : ift.tt/2wEJUFa Tumblr : ift.tt/2ytXF71 🔊 LIKE ➡ SHARE ➡ SUBSCRIBE

मोक्षदा एकादशी: अगहन मास की एकादशी (शुक्ल पक्ष)

 

विकिपीडिया:

हिंदू पंचांग की ग्यारहवी तिथि को एकादशी कहते हैं। यह तिथि मास में दो बार आती है। पूर्णिमा के बाद और अमावस्या के बाद। पूर्णिमा के बाद आने वाली एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी और अमावस्या के बाद आने वाली एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी कहते हैं। इन दोने प्रकार की एकादशियों का भारतीय सनातन संप्रदाय में बहुत महत्त्व है।

 

Wikipedia:

Ekadashi (Sanskrit: एकादशी, ekādaśī, "eleven"), also spelled as Ekadasi, is the eleventh lunar day (Tithi) of the shukla (bright) or krishna (dark) paksha (fortnight) of every lunar month in the Hindu calendar (Panchang). In Hinduism and Jainism it is considered a spiritually beneficial day.

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आज पुत्रदा एकादशी

 

श्रीमार्तंड भैरव महाराजांची आजची पूजा आणि मनमोहक पंढरीच्या पांडुरंगासारखी कुंकुम सजावट

सदानंदाचा येळकोट...... येळकोट येळकोट जयमल्हार .....

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सूर्यदेव की उपासना को समर्पित है यह माह

 

हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष के दसवें माह को पौष माह कहा जाता है। इस माह में सूर्य उपासना का विशेष महत्व है। इस मास में सूर्यदेव की उपासना भग नाम से की जाती है। पौष माह में अधिकांशत: सूर्यदेव धनु राशि में रहते हैं। इस माह आध्यात्मिक साधना करने से चंचल मन पर विजय प्राप्त होती है। इस माह में प्रत्येक रविवार को सूर्यदेव को तिल-चावल की खिचड़ी का भोग लगाने से मनुष्य तेजस्वी बनता है।

 

पौष मास में हर रविवार तांबे के बर्तन में शुद्ध जल, लाल चंदन और लाल रंग के फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इस मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। यह उपवास सफलता दिलाने वाला माना जाता है। पौष अमावस्या का भी बहुत महत्व माना जाता है। पितृदोष, कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए इस दिन उपवास रखने के साथ विशेष पूजा की जाती है। पौष मास में शुक्ल एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन उपवास रखने से व्रती को संतान सुख प्राप्त होता है। पौष पूर्णिमा को धार्मिक कार्यों, भजन-कीर्तन के साथ स्नान-दान के लिए शुभ माना जाता है। इस माह नमक का सेवन कम से कम करें। नववर्ष का आगमन लगभग हर साल पौष मास में होता है। मान्यता है कि इस मास में मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए क्योंकि उनका शुभ फल नहीं मिलता।

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19 अगस्त बड़ा रविवार घर में गाय को खिला दे , 30 सेकण्ड्स में दिखेगा चमत्कार Saavn - youtu.be/aN9-MLimH28 18 अगस्त बड़ा शनिवार घर में इस जगह रख दे तुलसी, 30 सेकण्ड्स में दिखेगा चमत्कार Saavn, #astrologyinhindi #Brijnaari #Ekadashi #Lord Vishnu #Kamda Ekadashi Kamika Ekadashi Date , Time & Paran Time कामिका एकादशी व्रत तिथि– 7 अगस्त 2018, मंगलवार एकादशी तिथि प्रारंभ- 07:52 बजे से (7 अगस्त 2018) एकादशी तिथि समाप्त- 05:15 बजे (8 अगस्त 2018) पारण समय- 13:45 से 16:24 (8 अगस्त 2018) श्रीकृष्ण युधिष्ठिर से कहते हैं - है राजन ! जिस तरह चतुर्थी को गणेश जी, त्रयोदशी को शिवजी, पंचमी को लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है उसी प्रकार एकादशी तिथि को भगवान श्री हरि विष्णु जी की पूजा की जाती है। सावन माह में इस एकादशी व्रत से विष्णुजी के साथ शिव भी होते हैं प्रसन्न ! कामदा एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सारे पाप दूर हो जाते हैं। जो फल वाजपेय यज्ञ करने से प्राप्त होता है वही फल कामिका एकादशी का व्रत करने से प्राप्त होता है। भगवान विष्णु के आराध्य भगवान शिव हैं और भगवान शिव के आराध्य भगवान विष्णु हैं। सावन माह में एकादशी का आना एक बहेद विशेष संयोग है। शास्त्रों में कहा गया है कि जो मनुष्य सावन मास में भगवान नारायण का पूजन करते हैं, उनसे देवता, गंधर्व और सूर्य आदि सब पूजित हो जाते हैं। अत: पापों से डरने वाले मनुष्यों को कामिका एकादशी का व्रत और विष्णु भगवान का पूजन अवश्य करना चाहिए। इससे बढ़कर पापों के नाशों का कोई उपाय नहीं है। इसका व्रत रखने वाले को कभी भी कुयोनि प्राप्त नहीं होती।इस दिन शंख, चक्र और गदाधारी भगवान विष्णु का पूजन और अर्चना की जाती है।नारदपुराण के अनुसार एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को बेहद प्रिय होता है। ये वीडिओज़ देखने के लिए धनयवाद Like बटन को प्रेस करना Subscribe करना ओर हा अपने प्रियजनों को Share करना न भूले। Video Link : Please subscribe My Channel and click on bell icon - www.youtube.com/c/howtolearnastrologyinhindi Share This Video : : 😀 Follow Us Socially 😀 🌐 Facebook : ift.tt/2wEJTB6 🌐 Twitter : twitter.com/AstrologyLearn 🌐 Google+ : ift.tt/2yuWeFj blogger : ift.tt/2wEJUFa Tumblr : ift.tt/2ytXF71 🔊 LIKE ➡ SHARE ➡ SUBSCRIBE

#देवशयनी एकादशी, #4 जुलाई apra ekadashi, #ekadashi dates 2017, 22 may apra ekadashi, ekadashi fast rules, radha krishna shakti, radha shakti, ekadashi 2017, ekadashi importance, mor ke pankh ka upay ekadashi par , jaldi shadi ke liye ekadashi par, ekadashi may 2017, vishnu or lakshmi kripa ekadashi par, ekadashi 2017 iskcon, ekadashi 2017 may in hindi, ekadashi ke upay, ekadashi ke totke, 22 मई को है अपरा एकादशी,इस दिन मोर के पंख का यह प्रयोग बना देगा मालामालHow To Learn Astrology in Hindi is a best Channel for astrology learning, In this channel you'l Learn best astrology. If You want to know about astology, it's a best channel for astrology learning. In this channel i'l provide free analysis of your janampatri, for more information mail me - astrologyforyou1@gmail.com learn astrology in hindi , learning astrology , astrology courses , astrology classes, learn astrology online , learn jyotish in hindi , learn astrology in tamil , astrology lessons , astrology learning , astrology courses online , astrology course , learn jyotish in hindi free , learn jyotish , study astrology , learning astrology in hindi , online astrology classes ,free learn astrology in hindi online astrology course , learn jyotish shastra , learn jyotish shastra in hindi , astrology online classes , online astrology courses , astrology learning in hindi ift.tt/2iJHsGB twitter.com/AstrologyLearn

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पितृ पक्ष: जानिए तिथि के अनुसार श्राद्ध

 

पूर्णिमा से अमावस्या के ये 15 दिन पितरों को कहे जाते हैं। इन 15 दिनों में पितरों को याद किया जाता है और उनका तर्पण किया जाता है। जिन घरों में पितरों को याद किया जाता है वहां हमेशा खुशहाली रहती है। इसलिए पितृपक्ष में पृथ्वी लोक में आए हुए पितरों का तर्पण किया जाता है। जिस तिथि को पितरों का गमन (देहांत) होता है उसी दिन पितरों का श्राद्ध किया जाता है।

 

यहां पढ़ें श्राद्ध के तिथियां:

 

5 सितंबर को श्राद्ध पूर्णिमा

6 सितंबर को पूर्णिमा दोपहर तक रहेगी इसके बाद प्रतिपदा श्राद्ध होगा

7 सितंबर द्वितीया श्राद्ध

8 सितंबर तृतीया श्राद्ध

9 सितंबर चतुर्थी श्राद्ध

10 सितंबर पंचमी श्राद्ध

11 सितंबर षष्ठी श्राद्ध

12 सितंबर सप्तमी श्राद्ध

13 सितंबर अष्टमी श्राद्ध

14 सितंबर नवमी श्राद्ध

15 सितंबर दशमी श्राद्ध

16 सितंबर एकादशी श्राद्ध

17 सितंबर द्वादशी श्राद्ध त्रयोदशी श्राद्ध

18 सितंबर चतुर्दशी श्राद्ध

19 सिंतबर सर्व पितृ अमावस्या : सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या 19 सितंबर से शुरू होकर 20 सितंबर को दोपहर 11.15 बजे तक रहेगी।

Mahashivratri Shubh Muhurt Puja Vidhi 2020 | महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त पूजा विधि 2020 राहुल गुप्ता कट्टर हिन्दूFebruary 20, 2020 महाशिवरात्रि का त्यौहार बहुत ही खास होता है जिस तरह से एकादशी की तिथि में व्रत करने से आपके सभी तरह के पापों का नाश होता है वैसे ही महाशिवरात्रि के व्रत को करने से आपके पापों का नाश होता है जीवन में दुःख दरिद्रता किसी भी तरह के कष्ट होते है उन सभी से हमें मुक्ति मिल जाती है। शिवरात्रि व्रतं नाम सर्व पाप प्रणाशनम्। आचाण्डाल मनुष्याणां भुक्ति मुक्ति प्रदायकं।। COPY इस तरह से दोस्तों कहा गया है की शिवरात्रि का व्रत करने से सभी पापों का नाश होता है और बुरे-बुरे मनुष्य को भीमुक्ति-मुक्ति की प्राप्ति हो जाती है। दोस्तों महाशिवरात्रि के दिन पर शिव लिंग का प्रादुर्भाव हुआ था इस लिए यह दिन बहुत ही खास है, साथ ही साथ कई जगह पर इसे शिव और पार्वती के मिलन की रात्रि भी बताया गया है। दोस्तों हरेक तिथि के एक देवता होते है उसी प्रकार चतुर्दशी तिथि के देवता भगवान भोलेनाथ शिव स्वय है इसलिए उनकी पूजा शिवरात्रि में करने से आपको विशिष्ट पल की प्राप्ति होती है Mahashivratri Shubh Muhurt फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष के चतुर्थदशी तिथि को महाशिवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है, साल 2020 में 21 फरवरी 2020 की तारीख शुक्रवार के दिन पर आप सभी को महाशिवरात्रि का व्रत रखना है। महाशिवरात्रि का व्रत जब भी रखा जाता है वह त्रोयदशी युक्त चतुर्दशी होती है तो इसे बहुत अच्छा बताया जाता है इस दिन व्रत करने से भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद और कृपा आप को प्राप्त होता है, चतुर्थदशी तिथि का प्रारम्भ 21 फरवरी 2020 शाम में 5 बजकर 20 मिनट से होगा और तिथि की समाप्ति 22 फरवरी 2020 शम में 7 बजकर 2 मिनट पर होगा। जैसा की महाशिवरात्रि रात्रि का पर्व है चतुर्थदशी तिथि की रात्रि आपको 21 फरवरी की रात में मिलेगी इसलिये आपको 21 फरवरी को ही व्रत रखना है और महाशिवरात्रि के पर्व का अनुष्ठान करना है महाशिवरात्रि के व्रत में आपको एक दिन पहले से ही साध्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए जिससे की आप शिवरात्रि का व्रत अच्छी तरह से रख पाए, महाशिवरात्रि व्रत में सुबह के समय उठने के पश्चात स्नान आदि से निव्रत हो, भगवान शिव का अगर कोई मंदिर आपके घर के आस-पास है वह जाकर आप भगवान भोलेनाथ का पूजन करे उत्तर की तरफ़ मुह करे भगवान भोलेनाथ को स्नान कराये और उनका अभिषेक भी कर सकते है। आपको शिवरात्रि के दिन अभिषेक करने के लिए दो विशेष समय होते है। एक तो प्रदोष काल यानि 21 फरवरी 2020 में शाम के समय प्रदोष काल में आप भगवान भोलेनाथ का अभिषेक कर सकते है, 6 बजे के आस-पास यह सूर्य अस्त से पहले कर लेना है। दूसरा अभिषेक आप 22 फरवरी 2020 सुबह के समय अपना व्रत खोलने से पहले आप अभिषेक कर सकते है।

 

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श्री हनुमानजी मन्दिर, वराड़ा | गुरुवार, 30 दिसम्बर, 2021

 

॥ जय श्री राम ॥

॥ जय श्री वराडा हनुमानजी की ॥

 

🙏🙏 आज के दर्शन 🙏🙏

 

गुरुवार, 30 दिसम्बर, 2021

मारवाड़ी मो. सं. २०७८,

पौष वदी, ११ (एकादशी)

 

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Thursday, 30 December 2021

Shree Hanumanji Mandir, Warada

 

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waradahanumanji.blogspot.com/2021/12/30-2021-shree-hanuma...

 

youtu.be/XPw0-yfSw3U

 

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मुरैना 4 जून 09, निर्जला एकादशी पर 3 जून को मुरैना की गांधी कालोनी निवासी मुन्‍नालाल शर्मा सपरिवार गंगा स्‍नान के लिये गये थे, रास्‍ते में उ.प्र. के फिरोजाबाद जिला के जसराना और एटा के बीच बदमाशों ने पूरे परिवार को मार पीट कर न केवल लोहूलुहान कर दिया बल्कि सब कुछ लूट कर उनकी पुत्री लालो की दो गोलियां मार कर हत्‍या भी कर दी । लालो का शव आज मुरैना पहुँचा जहॉं उसका अंतिम संस्‍कार कर दिया गया । मुरैना में इस घटना पर तीव्र आक्रोश है और गांधी कालोनी सहित सारा शहर घटना से हतप्रभ एवं दुखी है । शर्मा के कार ड्रायवर के बदमाशों ने पैर भी इस दरम्‍यान तोड़ दिये । वहीं महिलाओं के साथ भी बुरी तरह मारपीट कर लूटा, बदमाश बेखौफ पौन घण्‍टे तक नंगनाच मचाते रहे जबकि जरसाना थाना की दूरी वहॉं से महज 15 कि.मी. और घटनास्‍थल तीन गॉंवों के बीच था । विस्‍तृत समाचार वेबसाइट पर देंखें ।

एक राजा के राज्य में सभी लोग एकादशी का व्रत रखते थे। प्रजा तथा नौकर-चाकरों से लेकर पशुओं तक को एकादशी के दिन अन्न नहीं दिया जाता था। एक दिन किसी दूसरे राज्य का एक व्यक्ति राजा के पास आकर बोला- महाराज! कृपा करके मुझे नौकरी पर रख लें। तब राजा ने उसके सामने एक शर्त रखी कि ठीक है, रख लेते हैं। किन्तु...

18 अगस्त बड़ा शनिवार घर में गाय को खिला दे , 30 सेकण्ड्स में दिखेगा चमत्कार Saavn - youtu.be/aN9-MLimH28 18 अगस्त बड़ा शनिवार घर में इस जगह रख दे तुलसी, 30 सेकण्ड्स में दिखेगा चमत्कार Saavn, #astrologyinhindi #Brijnaari #Ekadashi #Lord Vishnu #Kamda Ekadashi Kamika Ekadashi Date , Time & Paran Time कामिका एकादशी व्रत तिथि– 7 अगस्त 2018, मंगलवार एकादशी तिथि प्रारंभ- 07:52 बजे से (7 अगस्त 2018) एकादशी तिथि समाप्त- 05:15 बजे (8 अगस्त 2018) पारण समय- 13:45 से 16:24 (8 अगस्त 2018) श्रीकृष्ण युधिष्ठिर से कहते हैं - है राजन ! जिस तरह चतुर्थी को गणेश जी, त्रयोदशी को शिवजी, पंचमी को लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है उसी प्रकार एकादशी तिथि को भगवान श्री हरि विष्णु जी की पूजा की जाती है। सावन माह में इस एकादशी व्रत से विष्णुजी के साथ शिव भी होते हैं प्रसन्न ! कामदा एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सारे पाप दूर हो जाते हैं। जो फल वाजपेय यज्ञ करने से प्राप्त होता है वही फल कामिका एकादशी का व्रत करने से प्राप्त होता है। भगवान विष्णु के आराध्य भगवान शिव हैं और भगवान शिव के आराध्य भगवान विष्णु हैं। सावन माह में एकादशी का आना एक बहेद विशेष संयोग है। शास्त्रों में कहा गया है कि जो मनुष्य सावन मास में भगवान नारायण का पूजन करते हैं, उनसे देवता, गंधर्व और सूर्य आदि सब पूजित हो जाते हैं। अत: पापों से डरने वाले मनुष्यों को कामिका एकादशी का व्रत और विष्णु भगवान का पूजन अवश्य करना चाहिए। इससे बढ़कर पापों के नाशों का कोई उपाय नहीं है। इसका व्रत रखने वाले को कभी भी कुयोनि प्राप्त नहीं होती।इस दिन शंख, चक्र और गदाधारी भगवान विष्णु का पूजन और अर्चना की जाती है।नारदपुराण के अनुसार एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को बेहद प्रिय होता है। ये वीडिओज़ देखने के लिए धनयवाद Like बटन को प्रेस करना Subscribe करना ओर हा अपने प्रियजनों को Share करना न भूले। Video Link : Please subscribe My Channel and click on bell icon - www.youtube.com/c/howtolearnastrologyinhindi Share This Video : : 😀 Follow Us Socially 😀 🌐 Facebook : ift.tt/2wEJTB6 🌐 Twitter : twitter.com/AstrologyLearn 🌐 Google+ : ift.tt/2yuWeFj blogger : ift.tt/2wEJUFa Tumblr : ift.tt/2ytXF71 🔊 LIKE ➡ SHARE ➡ SUBSCRIBE

7 अगस्त मंगलवारी एकादसी अद्भुत संयोग घर में इस जगह रख दे तुलसी, 30 सेकण्ड्स में दिखेगा चमत्कार Saavn, #astrologyinhindi #Brijnaari #Ekadashi #Lord Vishnu #Kamda Ekadashi Kamika Ekadashi Date , Time & Paran Time कामिका एकादशी व्रत तिथि– 7 अगस्त 2018, मंगलवार एकादशी तिथि प्रारंभ- 07:52 बजे से (7 अगस्त 2018) एकादशी तिथि समाप्त- 05:15 बजे (8 अगस्त 2018) पारण समय- 13:45 से 16:24 (8 अगस्त 2018) श्रीकृष्ण युधिष्ठिर से कहते हैं - है राजन ! जिस तरह चतुर्थी को गणेश जी, त्रयोदशी को शिवजी, पंचमी को लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है उसी प्रकार एकादशी तिथि को भगवान श्री हरि विष्णु जी की पूजा की जाती है। सावन माह में इस एकादशी व्रत से विष्णुजी के साथ शिव भी होते हैं प्रसन्न ! कामदा एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सारे पाप दूर हो जाते हैं। जो फल वाजपेय यज्ञ करने से प्राप्त होता है वही फल कामिका एकादशी का व्रत करने से प्राप्त होता है। भगवान विष्णु के आराध्य भगवान शिव हैं और भगवान शिव के आराध्य भगवान विष्णु हैं। सावन माह में एकादशी का आना एक बहेद विशेष संयोग है। शास्त्रों में कहा गया है कि जो मनुष्य सावन मास में भगवान नारायण का पूजन करते हैं, उनसे देवता, गंधर्व और सूर्य आदि सब पूजित हो जाते हैं। अत: पापों से डरने वाले मनुष्यों को कामिका एकादशी का व्रत और विष्णु भगवान का पूजन अवश्य करना चाहिए। इससे बढ़कर पापों के नाशों का कोई उपाय नहीं है। इसका व्रत रखने वाले को कभी भी कुयोनि प्राप्त नहीं होती।इस दिन शंख, चक्र और गदाधारी भगवान विष्णु का पूजन और अर्चना की जाती है।नारदपुराण के अनुसार एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को बेहद प्रिय होता है। ये वीडिओज़ देखने के लिए धनयवाद Like बटन को प्रेस करना Subscribe करना ओर हा अपने प्रियजनों को Share करना न भूले। Video Link : Please subscribe My Channel and click on bell icon - www.youtube.com/c/howtolearnastrologyinhindi Share This Video : : 😀 Follow Us Socially 😀 🌐 Facebook : ift.tt/2wEJTB6 🌐 Twitter : twitter.com/AstrologyLearn 🌐 Google+ : ift.tt/2yuWeFj blogger : ift.tt/2wEJUFa Tumblr : ift.tt/2ytXF71 🔊 LIKE ➡ SHARE ➡ SUBSCRIBE

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